"ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारूकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥"

Sunday, January 16, 2011

मेष लग्न राशि फल............(राज शिवम)

मेष जैसा नाम से स्पष्ट है इस राशि का प्रतीक मेढ़ा या भेड़ा है।मेष राशि का स्वामी मंगल है।मेष राशि के अन्तर्गत अश्विनी नक्षत्र के चारों चरण,भरणी नक्षत्र के चारों चरण और कृतिका का प्रथम चरण आते है।ग्रह मैत्री के अनुसार मेष राशि सूर्य,चन्द्र तथा गुरु के लिए मित्र राशि है।शुक्र तथा शनि के लिए यह सम राशि है तथा बुध के लिए शत्रु राशि है।इस राशि मे सूर्य अपनी उच्च स्थिति मे होता है तथा शनि नीच स्थिति में।
 प्रकृति और स्वभाव:- मेष अग्नि तत्व वाली राशि है।इसका स्वामी मंगल है जो स्वयं अग्नि ग्रह है।राशि और स्वामी का यह संयोग इसकी अग्नि या ऊर्जा को कई गुणा बढ़ा देता है,किन्तु जल के अभाव मे अग्नि केवल क्षार ही कर सकती है।उसे भाप मे बदलकर उसे रचनात्मक ऊर्जा का रुप नहीं दे सकती।यही कारण है मेष प्रधान जातक अपनी शक्ति का प्रायः अपव्यय या दुरुपयोग करते भी पायें जाते है।मेष चर राशि है,ये जातक ओजस्वी,दबंग,साहसी,दृढ़ इच्छाशक्ति वाले होते हुए भी चंचल प्रकृति के और हठी होते है।बाधाओं को चीरते हुए अपना मार्ग बनाने का प्रयास करते है।वे स्वभाव से अत्यंत स्वच्छंद होते है और अपने काम में जरा भी हस्तक्षेप सहन नहीं करते।यदि उन्हे अपनी मर्जी से काम न करने दिया जाये,तो प्रायः उसे छोड़ कर बाहर निकल आते है और कोई अन्य मार्ग अपना लेते है।यही कारण है कि इनके जीवन में अनेक परिवर्तन आते है।यदि मेष जातक अपनी प्रकृति को नियंत्रण में रख सके तो,वे भौतिक रुप से हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर सकते है।इन्हे झुठे प्रशंसको और चापलूसों से सावधान रहना चाहिए।ऐसा ना करने पर ये अहंकार में अपना ही पतन कर लेते है।इन जातको के स्वभाव में भारी जल्दबाजी रहती है।उनके मस्तिष्क में नई नई और मौलिक योजनाएँ होते हुए भी धैर्य के अभाव में वे उन्हे प्रायः पूरा करने में असमर्थ रहते है।इन्हे हीन भावना से बचना चाहिए।मेष जातक अपने वस्त्रों का विशेष ध्यान रखते है।मेष जातकों की सदा ये इच्छा रहती है कि उनके संसर्ग में आने वाले उन्हे अपने से ऊँचा समझे।स्त्री जातिका में उपरोक्त गुणों के साथ महत्वकांक्षी,उतावली,क्रोधी,ईर्ष्यालु,योजनाबद्ध ढ़ँग से कार्य करने वाली होती है।अपने द्वारा किये गये कार्य का परिणाम शीघ्र देखना पसंद करती है।ये स्वतंत्र विचारों की होती है।ये प्रेम के क्षेत्र में स्पष्ट एवं उत्साही है तथा प्रेम की भूखी है।यदि इनको प्रेम का व्यवहार ना मिले तो इनके व्यवहार में क्रोध और शुष्कता आ जाती है।इनके लिए मेष,सिंह,धनु लग्न वाला पति उतम रहेगा।ये नेतृत्व प्रधान होने के कारण पति को नियंत्रण में रखना चाहती है।
 आर्थिक और कार्यकलाप:- यदि ये स्वयं पर नियंत्रण रख सके तो ऐसी कोई ऊँचाई नहीं जो इनकी पहूँच से बाहर हो।ये लोग प्रायः ऐसे काम पसंद करते है जिनमे ऊन्हे निजी नेतृत्व कर गुण दिखाने का अवसर मिले।ये अधिक कामुक भी होते है।इन जातकों को प्रेम सम्बंधों में भारी यातना भोगनी पड़ती है।ये विपरीत लिंगि के मन को शायद ही पढ़ पाते हो।इनमें आकर्षक व्यक्तित्व होता है।ग्रह प्रभाव से कभी कभी ये अस्थिर तथा भावुक होते है,इन्हें दर्द भरा संगीत साधन अच्छा लगता है। ऐसे विचार से ये प्रेम के भूखे होते है।मेष जातिकाएँ भी कम आदर्शवादी नहीं होती,किन्तु प्रेम और विवाह सम्बंध टुटने के खतरे उनके आगे भी रहते है।मेष जातिकाएँ प्रेम प्रसंगों में बढ़ चढ़ कर भाग लेती है।इसमें उनकी इच्छा ही सर्वोपरि रहती है।मेष पत्नियाँ हाजिरजवाब और स्वछंद स्वभाव वाली होती है।वे रुप गर्विता और अपनी शान शौकत पर घमंड करने वाली होती है।मेष वाले को पाचन,सिरदर्द,जलन,मुहाँसे,अनिद्रा,दाद,मलिरिया रोगों के शिकार हो सकते है।उन्हे आराम का विशेष ध्यान रखना चाहिए।शाक सब्जियों का अधिक सेवन करना चाहिए।नशा से बचना चाहिए तथा माँसाहारी कम सेवन करना चाहिए।मेष प्रधान जातक को रत्न धारण में मूँगा,मोती,माणिक्य,पोखराज धारण करना चाहिए।वैष्णव उपासना करना चाहिए।हनुमान,शिव,जगदम्बा की उपासना उतम फल देगी।उपरोक्त बातें सत्य हो सकती है परन्तु ग्रह के तालमेल के कारण फल में शुभता अशुभता हो सकती है।


मेष राशि और लग्न का यह संक्षिप्त फल बताता है,परन्तु जन्मपत्री के लिए जन्मदिवस,मास,सन् और जन्म समय तथा स्थान का ज्ञान होना अनिवार्य है।अगर यह जानकारी किसी को हो,तो उसके भविष्य का सही सही स्थिति बताया जा सकता है।ग्रहों का प्रभाव दृष्टि शुभ बलाबल देख कर निश्चित जातक का भाग्य परिवर्तित कराया जा सकता है।

आवश्यक सूचना:- आप हमसे सीधा सम्पर्क कर सकते है,मेरे मोबाईल पर बात कर.......समय है दोपहर १ से शाम ५ बजे तक,रात्रि ७ से ८.३० तक।आपके किसी भी प्रकार के कष्टों का निवारण पूजा पाठ,मंत्र और अनुष्ठान के द्वारा किया जाता है.....साथ ही उचित फलित और जन्मपत्रिका निर्माण भी किया जाता है...अधिक जानकारी हेतु सम्पर्क करे........।

"अन्त में आपसे कुछ बात मेरे विषय में":-  मै ज्योतिष एवं साधना क्षेत्र का व्यक्ति हूँ।कितने लोगों कि समस्या का समाधान माता की कृपा से हुआ है।मै अभी ब्लागिंग में नया हूँ।भारत के बड़े बड़े शहरों में यदा कदा मै अनुष्ठान और ज्योतिष परामर्श  के सिलसिले में जाता हूँ,बहुत से लोग मुझसे जुड़े है।लेकिन चूँकि ब्लागिंग में नया हूँ....इसलिए आप लोगों का  समर्थन चाहता हूँ ।